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बाईजेंटियम के लिए नौकायन

baijentiyam ke liye naukayan

अनुवाद : सरिता शर्मा

विलियम बटलर येट्स

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विलियम बटलर येट्स

बाईजेंटियम के लिए नौकायन

विलियम बटलर येट्स

और अधिकविलियम बटलर येट्स

    1.

    वह देश बूढ़े लोगों के लिए नहीं है। नौजवान

    एक दूसरे की बाहों में, पेड़ों पर पक्षी,

    वे मरणशील पीढ़ियाँ गीत गा रही हैं,

    सामन-झरने, मैकेरल से भरे समुद्र,

    मछली, माँस, या पक्षी, गर्मी का मौसम—सब कहते हैं

    जो भी प्रजात है, उसने जन्म लिया, और मर जाता है।

    कामुक संगीत से मोहित होकर सब उपेक्षा करते हैं

    कालातीत ज्ञान के स्मारकों की।

    2.

    बूढ़ा आदमी बेहद मामूली चीज़ होता है,

    छड़ी पर टँगे फटे कोट-सा, जब तक कि

    आत्मा ताली बजा कर नाचती और ज़ोर से गाना नहीं गाती है

    अपनी नश्वर पोशाक में लगे हर पैबंद के लिए,

    गायन स्कूल नहीं जाना बल्कि देखना है

    अपनी ही भव्यता के स्मारकों को;

    और इसलिए मैं समुद्र के लिए निकल पड़ा और पहुँचा हूँ

    बाईजेंटियम के पवित्र शहर में।

    3.

    आह! परमेश्वर की पावन अग्नि में खड़े हुए ज्ञानी

    दीवार पर सोने की पच्चीकारी की तरह,

    एक चक्र में जड़े पवित्र अग्नि से आओ,

    और मेरी आत्मा के गायन-गुरु बन जाओ।

    इच्छा करने से बीमार हुए और

    मरते हुए जानवर से बंधे मेरे हृदय को नष्ट कर दो

    यह नहीं जानता कि यह क्या है; और मुझे

    अनंत काल के कौशल में समेट लो।

    4.

    एक बार प्रकृति से बाहर जाने के बाद मैं कभी धारण नहीं करूँगा

    किसी भी प्राकृतिक वस्तु से अपना शारीरिक चोला,

    बल्कि ऐसा रूप होगा जो यूनानी सुनार गढ़ते हैं

    जड़े सोने और सोने की मीनाकारी का

    किसी ऊँघते हुए सम्राट को जगाए रखने के लिए;

    या फिर किसी स्वर्ण शाखा पर बैठ जाऊँगा गाने के लिए

    बाईजेंटियम के लॉर्ड्स और महिलाओं को यह बताने के लिए

    क्या अतीत था, क्या चल रहा है, या आने वाला है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : विश्व की श्रेष्ठ कविताएँ (पृष्ठ 30)
    • रचनाकार : विलियम बटलर येट्स
    • प्रकाशन : इंडियन प्रेस
    • संस्करण : 2020

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