आसान नहीं था औरत होना

asan nahin tha aurat hona

नेहा अपराजिता

नेहा अपराजिता

आसान नहीं था औरत होना

नेहा अपराजिता

और अधिकनेहा अपराजिता

    औरत...

    आसान नहीं था औरत होना

    इसलिए रचा गया भ्रम

    हव्वा के नाम पर

    और मढ़ दिया गया

    सारा दोष स्त्री के सिर

    उन्हें पता था कि ऐसे

    तमाम इल्ज़ाम लेकर भी

    बचा ले जाएँगीं वह अपना अस्तित्व

    जिसका धर्म जीवनदान हो

    वह किस प्रकार दोषी हो गई

    इस सृष्टि में मरणशीलता लाने की?

    आसान नहीं था औरत होना

    आसान नहीं था विषम परिस्थितियों में हाथ बाँधे रखना

    इसलिए परमात्मा ने दिए

    स्त्री को दस हाथ

    जिससे वे थामे रखें दसों दिशाएँ

    और संतुलित रहे ये धरा!

    आसान नहीं था औरत होना

    आसान नहीं था पिता, भाई, पति, पुत्र

    सबके हिस्से की ग़लती अपने हिस्से में लेना

    अपने जीवन के पुरुषों के हक़ में

    यह इल्ज़ाम लेते रहना

    कि सारे झगड़े का केंद्र स्त्री होती है!

    आसान नहीं था औरत होना

    आसान नहीं था स्त्री होकर भी

    स्त्री विरोध में खड़े हो जाना

    स्त्री में स्त्रीत्व की कमी होना

    पुरुषों में स्त्रीत्व की छवि होना

    औरत से भावुकता ग्रहण करने में

    कहीं-कहीं स्त्री क्यों चूक गईं?

    कहीं-कहीं पुरुषों ने उनकी संवेदनशीलता

    पूर्णतः आत्मसात की!

    आसान नहीं था औरत होना

    आसान नहीं था ऐसी दुनिया में रहना

    जिसकी जीविका स्त्री से चलती हो

    जिसका संचालन स्त्री करती हो

    जिसे स्त्री पोषित करती हो

    फिर भी

    यह सुनती रहती हो कि

    तुम दिन भर करती ही क्या हो?

    आसान नहीं था घोषित रूप से

    कमज़ोर स्त्री का

    इस पृथ्वी को अपने कंधों पर टिकाए रखना!

    स्रोत :
    • रचनाकार : नेहा अपराजिता
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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