Font by Mehr Nastaliq Web

एक मालिक अपने नौकर को

ek malik apne naukar ko

अनुवाद : सुरेश सलिल

माइकेल ऐंजेलो

माइकेल ऐंजेलो

एक मालिक अपने नौकर को

माइकेल ऐंजेलो

और अधिकमाइकेल ऐंजेलो

    एक मालिक अपने नौकर को जब

    कै़दख़ाने में जकड़ कर रखता है

    मोटी-भारी ज़ंजीरों और नाउम्मीदी के बीच,

    इस क़दर नौकर आदी हो चुका होता है

    अपनी इस बदहाली का

    कि सपने में भी उससे मुक्ति की बात

    उसके दिमाग़ में नहीं आती।

    और आदत-व्यवहार तो

    शेर और साँप को भी पालतू बना लेते हैं—

    जंगल में पैदा हुए बाघ को भी,

    और युवा कलाकार,

    काम की थकान से लथपथ,

    पसीने का आदी हो चुकने पर

    दूने उत्साह से जुट जाता है काम पर।

    किंतु आग ऐसे किसी उदाहरण की पुष्टि नहीं करती

    क्योंकि,

    भले ही वह

    जंगल के हरे-भरे हिस्से की नमी को दूर करती है,

    एक थके-चुके बूढ़े को

    गरमाहट भी देती है वह

    पोषण भी करती है उसका

    और अंततः

    उसे उसकी नई ज़िंदगी वापस लौटाती है वह

    ताज़गी और स्फूर्ति जगाती है उसमें

    तरुणाई और ख़ुशी का संचार करती है—

    क्योंकि उसकी फूँक से प्रेम

    उस बूढ़े के दिल को

    उसकी आत्मा को

    अपने आलिंगन में कस लेता है।

    और अगर कोई

    किसी दूसरी तरह के दावे करता है

    ताने कसता है

    कि बुढ़ापे में किसी ख़ूबसूरत चीज़ से प्रेम करना शर्मनाक है

    तो वह महाझूठा है

    (ईर्ष्या से जल-भुना भी!)

    आत्मा, जो सपने नहीं देखती/कोई पाप नहीं करती/

    प्रकृति द्वारा उपलब्ध कराई गई वस्तुओं को प्रेम करते हुए,

    अगर वह वैसा

    संतुलन, मर्यादा और संयम के साथ करती है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सूखी नदी पर ख़ाली नाव (पृष्ठ 414)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : माइकेल ऐंजेलो
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY