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आँसू

ansu

कहाँ है आँसू की जन्मकुंडली

किन-किन ग्रंथियों के सहयोग से है उसकी उत्पत्ति

अस्थिर, अनिर्दिष्ट कोई कारण

खींच लाता है उसे—

कभी मोती तो कभी बारिश की बूँद

कभी ढुल-ढुल ओस

कभी डोलता फन साँप का

कभी शांत तो कभी चीत्कार

कभी काँच तो कभी इस्पात

वह गढ़ सकती है, मिटा सकती है।

यंत्रणा, पुलक, क्रोध

कौन जन्म देता है उसे

रक्त-नाड़े के साथ,

वसुधा की अति गहरी नाभि से

वह निकल आयी उड़िल गयी—

बूँद भर आँसू, बूँद भर समुद्र

चखा जाता है एक साथ

समुद्र भी ढका जा सकता है

पलकों के नीचे।

आँसू

सच है यंत्रणा और पुलक का

फिर भी बड़ा अवांतर है वह

क्योंकि चरम घड़ी में नहीं मिलता

उसका अता-पता

उस दिन भिनसारे में

प्रपात-सा गिरा आँसू

प्रियतम को कभी पा सकने की

लाचारी में,

जाने कहाँ छुप गये आँसू

जिस दिन आख़िरी सहारा घर का छप्पर

बहकर डूब गया नदी की तेज़ बाढ़ में।

आलिंगन के नागपाश में उस दिन

शिराएँ और तुम स्नायु तड़कते समय

आँसू नहीं दिखा कहीं

छुपा रहा लाज से।

स्रोत :
  • पुस्तक : तुम्हारे लिए हर बार (पृष्ठ 19)
  • रचनाकार : प्रतिभा शतपथी
  • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
  • संस्करण : 2015

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