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आदमी अपनी ज़िंदगी में

adami apni zindagi mein

अनुवाद : सुरेश सलिल

येहूदा आमिखाई

येहूदा आमिखाई

आदमी अपनी ज़िंदगी में

येहूदा आमिखाई

और अधिकयेहूदा आमिखाई

    आदमी के पास ज़िंदगी में इतना वक़्त नहीं है कि हर चीज़ के लिए

    वक़्त निकाल सके,

    इतनी जगह नहीं है उसके पास, कि हर ख़्वाहिश के लिए

    जगह बना सके,

    एफेल्ज़ियास्टस का दावा ग़लत था।

    आदमी को नफ़रत और प्यार यक् यक् करना होता है

    उन्हीं आँखों से रोना और उन्हीं से हँसना

    उन्हीं हाथों से पत्थरों को फेंकना और उन्हीं हाथों से उन्हें चुनना

    युद्ध में प्यार और प्यार में युद्ध करना

    और नफ़रत करना और माफ़ करना और याद करना और भूलना

    और तरतीब देना और गड़बड़ करना और खाना और पचाना

    यानी वह सब जो लंबा इतिहास कई सालों में करता है।

    ज़िंदगी में वक़्त नहीं है आदमी के पास।

    जब वह खोता है वह खोजता है

    जब पाता है तो भूल जाता है

    जब भूल जाता है तो प्यार करता है

    जब प्यार करता है तो भूलना शुरू करता है

    और उसकी आत्मा बहुत चतुर सुजान

    और बहुत पेशेवर,

    बस उसकी देह नौसिखिया बनी रहती है हरदम।

    वह कोशिश करती है और गड़बड़ाती है।

    वह सीखता नहीं है और चकरा जाता है

    अपने सुख और दुख के मौक़ों पर वह

    मदहोश और अंधा होता है

    शरतकाल में वह मर जाएगा किसी अंजीर की तरह

    झुर्रियाया हुआ, मीठा और अपने-आप से भरपूर।

    पत्तियाँ ज़मीन पर पड़ी सूख जाएँगी

    और नंगी डालें उस जगह की तरफ़ ताक रही होंगी

    जहाँ हर चीज़ के लिए वक़्त है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 375)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : येहूदा आमिखाई
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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