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आधे-अधूरे

aadhe adhure

महमूद दरवेश

महमूद दरवेश

आधे-अधूरे

महमूद दरवेश

और अधिकमहमूद दरवेश

    तुम टुकड़ों में बँटे हुए हो

    तुम नहीं हो तुम

    या कोई और

    कहाँ है समरूपता के अँधेरे में

    तुम्हारा मैं?

    जैसे मैं कोई जिन्न होऊँ

    किसी जिन्न की तरफ़ बढ़ता हुआ

    जबकि मैं एक समूचा शख़्स हूँ

    जो जिन्न से आगे निकल आया

    मैं अपनी पहली छाया से उभरा

    पछाड़ता हुआ जिन्न को,

    और बिला जाने के बाद वह चीख़ा :

    “होशियार मेरे अगले वजूद!”

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 333)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : कवि के साथ अनुवादक सुरेश सलिल, कैथराइन कोहैम
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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