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(अ) सैनिक व्यथा-तीन

(a)sainik vyatha 3

गौतम राजऋषि

गौतम राजऋषि

(अ) सैनिक व्यथा-तीन

गौतम राजऋषि

और अधिकगौतम राजऋषि

    (सशस्त्र सेना बल विशेषाधिकार अधिनियम को हटाने की मूहीम पर एक अदने से सैनिक की प्रतिक्रिया)

    सुना है,

    छीनना चाहते हो वो हक़ सारे

    कभी दिए थे जो तुमने

    इस (छद्म) युद्ध को जीतने के लिए

    अहा...! सच में?

    छीन लो,

    छीन ही लो फ़ौरन

    कि

    सही नहीं जाती अब

    झेलम की निरंतर कराहें

    कि

    देखा नहीं जाता अब और

    चीनारों का सहमना

    कहो कि जाएँ अपने घर को

    हम भी अब...

    खो चुके कई साथी

    बहुत हुईं क़ुर्बानियाँ

    और...क़ुर्बानियाँ भी किसलिए

    कि

    बचा रहे ज़ायका कहवे का?

    बुनीं जाती रहे रेशमी कालीनें?

    बनी