Font by Mehr Nastaliq Web

प्रेम-इतिहास

prem itihas

धीरेन्द्र प्रेमर्षि

अन्य

अन्य

धीरेन्द्र प्रेमर्षि

प्रेम-इतिहास

धीरेन्द्र प्रेमर्षि

और अधिकधीरेन्द्र प्रेमर्षि

    जइ धरतीपर प्रेम फुलै छै कुसमा सलहेसके

    गीत गबै छी हँ हौ बगड़िया सैह तिरहुतिया देशके

    जइ धरतीपर प्रेम फुलै छै कुसमा सलहेसके

    गीत गबै छी हँ हे बहिनपा सैह तिरहुतिया देशके

    पुरखासभ जे मिलि-जुलिकऽ पुरखारथ रोपलनि माटिमे

    बाँटि लेने छी तकरो हमसभ छोट नम्हर जातिमे

    सभ अपनाकेँ बूझय शम्भू क्यो ने गने गणेशके

    गीत गबै छी हँ हौ बगड़िया सैह तिरहुतिया देशके

    गौरवकेर हौदा झलकै छै जइ इतिहासक हाथीमे

    तकरो नकुआ बनल छलैए धुथरे बापक भाथीमे

    अजब ताल अछि, घूर तपै छी दुत्कारैत निङहेसके

    गीत गबै छी हँ हे बहिनपा सैह तिरहुतिया देशके

    नेहक खेतमे एना कियै हमसभ घिरना उपजाबै छी!

    प्रातीक मिठगर भासमे मीता डहकन कियै सजाबै छी

    सभटा अमरित चूबि रहल अछि, आबो जोगबी शेषके

    गीत गबै छी हँ हौ बगड़िया सैह तिरहुतिया देशके

    वीडियो
    This video is playing from YouTube

    Videos
    This video is playing from YouTube

    धीरेन्द्र प्रेमर्षि

    धीरेन्द्र प्रेमर्षि

    स्रोत :
    • पुस्तक : ई-मिथिला
    • संपादक : बालमुकुन्द
    • रचनाकार : धीरेन्द्र प्रेमर्षि
    • संस्करण : 2025

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY