'एक अधूरी प्रेमकथा' इस उपन्यास में दो बिछुड़े प्रेमियों को वृद्धावस्था में जाकर एक रात नसीब होती है वे सचमुच एक युगल बनें...पर विडंबना देखिये कि वेअपनी सामाजिक, नैतिकता एवं दैहिक अक्षमता के बोध के चलते प्रेम की अंतिम परिणिति को प्राप्त नहीं कर पाते और फिर अपने इसी दायरे में सिमट जाते हैं।