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सहजो संगति साधु की

sahjo sangati sadhu ki

सहजोबाई

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सहजो संगति साधु की

सहजोबाई

और अधिकसहजोबाई

    सहजो संगति साधु की, छूटे सकल वियाध।

    दुर्मति पाप रहै नहीं, लागै रंग अगाध॥

    सहजो कहती हैं कि साधु की संगति या सत्संग से इस संसार की समस्त व्याधियों से छुटकारा मिल जाता है। सत्संग लाभ प्राप्त व्यक्ति के मन में कलुषित विचार नहीं ठहर पाते, यानी मन की समस्त बुराईयाँ नष्ट हो जाती है और आत्मा भक्ति के रंग में सरोबार हो जाती है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सहजप्रकाश (पृष्ठ 30)
    • रचनाकार : सहजोबाई
    • प्रकाशन : श्रीवेंकटेश्वर स्टीम् प्रेस, बंबई
    • संस्करण : 1922

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