महोबा के रचनाकार

कुल: 4

रीतिमुक्त काव्यधारा के महत्त्वपूर्ण कवि। लोकोक्तियों के मधुर प्रयोग के लिए विख्यात।

सरस कल्पना के भावुक कवि। स्वभाविक, चलती हुई व्यंजनापूर्ण भाषा के लिए स्मरणीय।

आठवें दशक के कवि। प्रगतिशील लेखक संघ से संबद्ध।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

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