हिंदी लोक-नाटक : परंपरा और नाट्य-रुढ़ियाँ
लोक-नाटक प्रत्येक देश की परंपरागत संस्कृति का अत्यंत समृद्ध एवं गहराई तक पहुँचा हुआ अंग होता है। नृत्य और संगीत की ही भाँति लोक-साहित्य की इस शाखा में भी राष्ट्रीय प्रतिभा की वास्तविक झाँकी मिलती है। विभिन्न सांस्कृतिक रूपों वाले भारतवर्ष में, लोक की