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Irshad Khan Sikandar's Photo'

इरशाद ख़ान सिकंदर

1983 - 2025

उर्दू-हिंदी के सुपरिचित कवि-नाटककार।

उर्दू-हिंदी के सुपरिचित कवि-नाटककार।

इरशाद ख़ान सिकंदर के बेला

02 अप्रैल 2025

कहानी यहाँ से शुरू होती है

कहानी यहाँ से शुरू होती है

‘‘सलाम करके गुज़रता था जिस मज़ार को मैं’’ उसने काग़ज़ पर ये मिसरा लिखा और शाइर का नाम सोचने लगा। कुछ देर बाद उसने ये वाक्य : ‘‘अंत ही आरंभ है…’’ लिखा और काट दिया। फिर एक लंबी बुत-नुमाई के बाद कुफ़्र

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