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जाग मेरे राम भूरि भाग मेरे राम
जाग मेरे राम भूरि भाग मेरे राम,गीत राम मेरे राम अनुराग ‘रसराम’ हैं।
रामरसरंगमणि
श्री सरस्वती वंदना
सरस सु ग्रंथ बीना धार हार धौरौ सुभ्र,हँसन बसन सुभ्र जा के सम चंद ना।
यमुना प्रसाद चतुर्वेदी
ऊधो! तुम हौ अति बड़भागी (एन. सी. ई. आर. टी)
इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए।बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी, जोग-सँदेस पठाए।
सूरदास
कुंज बिहरत स्याम कुंवरि वृषभानुजा
तन पुलक, मन पुलक, जोरि उर सौं उरहिं,रहत लपटाइ दोऊ भाग भागी॥
छीतस्वामी
जो मन स्याम-सरोवरि न्हाहि
कमठ-पीठ दोउ भाग उरस्थल, सोभित दीप नितंब।मनि-मुकुता-उभारन बिराजत, ग्रह नछत्र प्रतिबिंब॥
गदाधर भट्ट
कृष्ण जन्म
जसुमति सुत प्रगट्यौ सुनि, फूले ब्रजराज हो।बड़े भाग खुले, करन आये सुर-काज हो॥
गोस्वामी हरिराय
कर पै गुलफ धरैं तिय दुचित अनमनी
‘बैजू’ प्रभु मनमायी आय गये वाही छिन,धन-धन भाग सुहाग नारि अंग-अंग भैंटी री॥
बैजू
ओं पैलां सिंभू आप उपन्ना
भाग थळी ओतार लियो है, कुण लह अंत’र पारूं।जुगां जुगां रा देवै निवेड़ा, अबच बचावणहारूं।
जसनाथ
निरतत मंडल मध्य नंदलाल
बाम भाग वृषभान नंदिनी गजगति मंद मराल।परमानंद प्रभु की छवि निरखत मेटत उर के साल॥