आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gopi anita gana ga rahi hoti hai latest"
Kavita के संबंधित परिणाम "gopi anita gana ga rahi hoti hai latest"
हर वस्तु भारी होती जा रही है
हर वस्तु भारी होती जा रही है।दूरियाँ बढ़ रही हैं मेरे और स्थानों के बीच।
रुस्तम
आज टूटा मौन, मन कुछ गा रहा है
आज टूटा मौन, मन कुछ गा रहा हैचाव से हर घाव को सहला रहा है
कृष्ण मुरारी पहारिया
अनीता वर्मा के लिए
अपनी हँसी और रुदन को लिखने से ठीक पहलेतुम हमें लिखकर भूल गई थीं अनीता वर्मा
सपना भट्ट
मरती हुई चिट्ठी
छोटी-सी जगह में ज्वार बनकर उगते थे अक्षरउँगलियाँ सपनों के प्रकाश से उज्ज्वलित होती थीं
एन. गोपि
जंगल से भी ज़्यादा घना और अँधेरा होता है अकेलापन
फिर चाहे जितनी दूर हो जानाअनुभव नहीं होती कोई थकावट