आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kemra ki vabe lagay"
Doha के संबंधित परिणाम "kemra ki vabe lagay"
श्री बृषभानु-कुमारि के
श्री बृषभानु-कुमारि के, पग बंदौ कर जोर।जे निसिबासर उर धरै, ब्रज बसि नंद-किसोर॥
श्री हठी
स्वाँसउ स्वाँस बिचार करि
स्वाँसउ स्वाँस बिचार करि, राखै सुरत लगाय।“दया” ध्यान त्रिकुटी धरै, परमातम दरसाय॥
दयाबाई
सखी वरारोहा हरषि
सखी वरारोहा हरषि, भोजन युगल जिमाय।प्रान प्राननी प्रान सुख, राखति प्रान लगाय॥
कृपानिवास
लस्यो श्याम तव तन कस्यो
लस्यो श्याम तव तन कस्यो, कंचुकि बसन बनाय।राखे हैं मनो प्राण पति, हिये लगाय दुराय॥
बाल अली
ब्रजदेवी के प्रेम की
ब्रजदेवी के प्रेम की, बँधी धुजा अति दूरि।ब्रह्मादिक बांछत रहैं, तिनके पद की धूरि॥
ध्रुवदास
बंधि गुन भूज इत्सन हती
बंधि गुन भूज इत्सन हती, दिहु दुज सनसि लगाय।के उर सुगड़ चढ़ाय मो, धिज हर सिर कर ल्याय॥
दयाराम
ज्यौं अमली की ऊंघतें
ज्यौं अमली की ऊंघतें, परी भूमि पर पाग।वह जानै यह और की, सुन्दर यौं भ्रम लाग॥
सुंदरदास
कै सांई की बंदगी
कै सांई की बंदगी, कै सांई का ध्यांन।सुन्दर बंदा क्यों छिपै, बंदे सकल जिहांन॥
सुंदरदास
इश्क उसी की झलक है
इश्क उसी की झलक है, ज्यौं सूरज की धूप।जहाँ इस्क तहँ आप हैं, क़ादिर नादिर रूप॥
नागरीदास
पद्मनाभ के नाभि की
पद्मनाभ के नाभि की, सुखमा सुठि सरसाय।निरखि भानुजा धार को, भ्रमि-भ्रमि भंवर भुलाय॥