आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kabho ka shar mein mara dil tujhay dunta"
Doha के संबंधित परिणाम "kabho ka shar mein mara dil tujhay dunta"
दादू नूरी दिल अरवाह का
दादू नूरी दिल अरवाह का, तहाँ बसै माबूंद।तहाँ बंदे की बंदिगी, जहाँ रहै मौजूंद॥
दादू दयाल
सुन्दर दिल मौं पैसि करि
सुन्दर दिल मौं पैसि करि, करै बंदगी ख़ूब।तौ दिल मौं दीदार है, दूरि नहीं महबूब॥
सुंदरदास
सुन्दर दिल की सेज पर
सुन्दर दिल की सेज पर, औरत है अरवाह।इस कौं जाग्या चाहिये, साहिब बे परवाह॥
सुंदरदास
मन मथुरा दिल द्वारिका
मन मथुरा दिल द्वारिका, काया कासी जाणि।दसवाँ द्वारा देहुरा, तामै जोति पिछांणि॥
कबीर
दरिया दिल दरपन करो
दरिया दिल दरपन करो, परसत ऐन अनूप।ऐन ऐना में दीसे, देखि बिमल एक रूप॥
दरिया (बिहार वाले)
शब्दै मारा गिर परा
शब्दै मारा गिर परा, शब्दै छोड़ा राज।जिन्ह-जिन्ह शब्द विवेकिया, तिनका सरिगौ काज॥
कबीर
मेरा मुझ में कुछ नहीं
मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा।तेरा तुझकौं सौंपता, क्या लागै है मेरा॥
कबीर
सुबह साँझ के फेर में
सुबह साँझ के फेर में, गुजरी उमर तमाम।द्विविधिा मँह खोये दोऊ, माया मिली न राम॥
शिव सम्पति
चतुरंगिनी समेटि दल
चतुरंगिनी समेटि दल, कायर नर भजि जात।एक सूर सब सैन कों, रोकि लेत न डरात॥
दीनदयाल गिरि
पंच तत्व की देह में
पंच तत्व की देह में, त्यौं सुर व्यापक होइ।विस्वरूप में ब्रह्म ज्यौं, व्यापक जानौ सोइ॥
रसनिधि
मारे मरै जु प्रेम के
मारे मरै जु प्रेम के, ढूँढ़ फिरत ही लाल।जिन घट वेदन विरह की, ते क्यौं जियैं जमाल॥