आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "Mortis John French ई-पब मुफ़्त डाउनलोड"
Doha के संबंधित परिणाम "mortis john french ई-पब मुफ़्त डाउनलोड"
ई मन चंचल ई मन चोर
ई मन चंचल ई मन चोर, ई मन शुद्ध ठगहार।मन-मन करते सुर-नर मुनि जहँड़े, मन के लक्ष दुवार॥
कबीर
जहाँ-जहाँ बच्छा फिरै
जहाँ-जहाँ बच्छा फिरै, तहाँ-तहाँ फिरे गाय।कहैं मलूक जहाँ संत जन, तहाँ रमैया जाय॥
मलूकदास
जहं-जहं भेजै रामजी
जहं-जहं भेजै रामजी, तहं-तहं सुन्दर जाइ।दाणां पांणी देह का, पहली धर्या बनाइ॥
सुंदरदास
जहाँ जहाँ ठाढ़ौ लख्यौ
जहाँ जहाँ ठाढ़ौ लख्यौ, स्यामु सुभग-सिरमौरु।बिन हूँ उन छिनु गहि रहतु, दृगनु अजौं वह ठौरु॥
बिहारी
पतिब्रत ही मैं शील है
पतिब्रत ही मैं शील है, पतिब्रत मैं संतोष।सुन्दर पतिब्रत राम सौं, वह ई कहिये मोष॥
सुंदरदास
ऐहैं कहु केहि काम ए
ऐहैं, कहु, केहि काम ए, कादर काम-अधीर।तिय-मृग-ई छनहीं जिन्हें, हैं अति तीछन तीर॥
वियोगी हरि
बाँह मरोरे जात हो
बाँह मरोरे जात हो, मोहि सोवत लिये जगाय।कहहिं कबीर पुकारि के, ई पिंडे होहु कि जाय॥
कबीर
सुन्दर हय हींसै जहाँ
सुन्दर हय हींसै जहाँ, गय गाजै चहूँ फेर।काइर भागै सटकदे, सूर अडिग ज्यौं मेर॥
सुंदरदास
खग्ग-विसाहिउ जहिँ
खग्ग-विसाहिउ जहिँ लहहुँ पिय तहिंदेसहिँ जाहुँ।रण-दुब्भिक्खें भग्गाइं विणु जुज्झें न वलाहुँ॥
हेमचंद्र
बैंयाँ बैंयाँ जहँ तहाँ
बैंयाँ बैंयाँ जहँ तहाँ, बिहरत अति आनंद।मुख पुनीत नवनीतजुत, नौमि सुखद नंदनंद॥
दीनदयाल गिरि
जिहिं कंन्या प्रिय वसत बहिं
जिहिं कंन्या प्रिय बसत बहिं, धसत खिसत नहिं नेंन।प्राची ओर चकोर जिमि, तकियंतु हे दिन-रेंन॥
दयाराम
जहाँ बीज उपजत तहाँ
जहाँ बीज उपजत तहाँ, गुन नहिं जानों जात।ज्यौं-ज्यौं दूरहि जात है, दूनो मोल बिकात॥
भूपति
जहाँ बाल विधवा-हिये
जहाँ बाल-विधवा-हिये, रहे धधकि अंगार।सुख-सीतलता कौ तहाँ, करिहौ किमि संचार॥