आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".ioq"
Doha के संबंधित परिणाम ".ioq"
देवादास कह सुरत सों
देवादास कह सुरत सों, वै मूरख बड़ा अग्यान।पगथ्या पाड़या हाथ सूँ, करै महल को ध्यान॥
देवादास
देह खेह बद्ध कर्म महँ
देह खेह बद्ध कर्म महँ, पर यह मानस नेम।कर जोड़े सन्मुख सदा, सादर खड़ा सप्रेम॥
भक्त रूपकला
जो तिय मन वच काय सों
जो तिय मन वच काय सों, पिय सेवति हुलसति।तेहि चरनन की धूरि धरि, रतनावलि बलि जाय॥
रत्नावली
कह मलूक हम जबहिं ते
कह मलूक हम जबहिं ते, लीन्हों हरि को ओट।सोवत है सुख नींद भरि, हरि भरम की पोट॥
मलूकदास
कित दुलावें हम किय कहा
कित दुलावें हम किय कहा, जो तो लगी अनीति।यातें दूनो याहि ढब करि, तुं हमें ठरि जीति॥
दयाराम
एक्कु कइअह वि न आवही
एक्कु कइअह वि न आवही अन्नु वहिल्लउ जाहि।मइँ मित्तडा प्रमाणिअउ पइँ जेहउ खलु नाहिं॥
हेमचंद्र
जो चेतन कह जड़ करइ
जो चेतन कह जड़ करइ, जड़हि करइ चैतन्य।अस समर्थ रघुनाथ कहि, महिं जीव ते धन्य॥