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इकाई- IX हिंदी निबंध
हिन्दवी डेस्क
सच्चा निबंध किसे कहें?
‘ऐसे’ शब्द की उद्भावना फास के मानटेन द्वारा हुई जो निबंध का जनक समझा जाता है।
कन्हैयालाल सहल
गेही संग्रह परिहरै
गेही संग्रह परिहरै, संग्रह करै विरक्त।हरि-गुरु-द्रोही जानिए, आज्ञा तें बितिरिक्त॥
भगवत रसिक
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राजस्थानी लोकगीत : घोड़ी
घोडी पग मोड़े झांझर बाजे।घोड़ी गई ओ जोसीड़ारी हाट, वारी जाऊँ ओ नारायणगढ़ रो सेवरो।
सकल वस्तु संग्रह करै
सकल वस्तु संग्रह करै, आवै कोउ दिन काम।बखत परे पर ना मिलै, माटी खरचे दाम॥
गिरिधारन
राजस्थानी लोकगीत : रामदेवजी
कोठे तो बाज्या ओ अजमलजी रा छावा बाजिया।वारी जाउँ, कोठे तो घुर्या छै निसाण,
राजस्थानी लोकगीत : नारंगी
माली का रे खिड़की खोल भंवर उभा बारणै।आओ कँवरां बैठो नी पास, कांई तो कारण आया?