आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mutthi bhar ujale rajiv gop ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "mutthi bhar ujale rajiv gop ebooks"
अन्य परिणाम "mutthi bhar ujale rajiv gop ebooks"
कानन कुक्कट कोक मरालरु
गोप
मोहन गोप के गोहन में बन
मोहन गोप के गाहन में बन जायकै गाय चराय विहारै।बंसी बजाय रिझाय कै ग्वालनि साँझ परे ब्रज ओर पधारै।
हरिचरणदास
मोर चकोरन की धुनि मार
गोप बिना ललना कलना ऋतुराज दिखावत है सुख ऐसे।किंसुक फूल बिना दल कानन श्रोन भरे नख नाहर कैसे॥
गोप
चम्पक कानन मध्य हरीपट में
सो कवि गोप कहै कस जो अनिलालन होय रह्यो अनुकूल्यो।भोर समैं मृदु बल्लभ को मुख पावक पुंज सुपंकज फूल्यो॥
गोप
गोप सबै मिलि गौकुल के
गोप सबै मिलि गौकुल के करतारिन देत उड़ावत रोरी।चाले अनूप सिंगार किये गिरधारन गारी सुनावैं अथोरी।
गिरिधारन
जहाँ उजाले में
जहाँ उजाले में एक बिंदु अँधेरा हो तो वह अँधेरा उजाले के चेहरे का तिल होगा।
विनोद कुमार शुक्ल
नरक के हरे उजाले में बहती हैं
नरक के हरे रंग उजाले में औरबरसात की रात वाले शहर में
दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
देश का भविष्य नेताओं
देश का भविष्य नेताओं और मंत्रियों की मुट्ठी में नहीं है, देश की जनता के ही हाथ में है।