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मैंने अपनी कमज़ोरियों
मैंने अपनी कमज़ोरियों से अपनी ताक़त बटोरी है, जिसने मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ा।
होर्खे लुइस बोर्खेस
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कवि का कर्म
शमशेर बहादुर सिंह
अपनी ज़मीन
उपांशु
अपनी जनता अपनी पृथिवी
अपने देश में अपना राज्य स्थापित हुआ है—इसी की संज्ञा स्वराज्य है। स्वराज्य की व्याख्या नाना
वासुदेवशरण अग्रवाल
जब आप अपने जीवन
अशदीन डॉक्टर
अपनी ज़िंदगी को
पांड़े अपनी अगनि बुझावो
पांड़े अपनी अगनि बुझावो।हम तो अपणौं राह चलत हैं, तुम काहे दुख पावो॥