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वाल्मीकि के उद्धरण

यदि साधु-असाधुओं का पृथक् विभाग करने वाला राजा इस लोक में न होता, तो जैसे दिन अंधकार में विलीन हो जाता है, वैसे ही सब कुछ ताम में डूब जाता।