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वेदव्यास के उद्धरण

तपस्या श्रेष्ठ कर्म है। निस्संदेह यही प्रजावर्ग का मूल कारण है परंतु गार्हस्थ्य-विधायक शास्त्र के अनुसार इस गार्हस्थ्य-धर्म में ही सारी तपस्या प्रतिष्ठित है।