वासुदेवशरण अग्रवाल के उद्धरण

स्थूलरूप में जब एक राष्ट्र या समूह शक्तिशाली बनता है; तब वह औरों की मानसी हत्या करके ही उनके ऊपर अपने अधिकार की स्थापना कर पाता है। किंतु अध्यात्म-संस्कृति का मार्ग भिन्न है। उसमें हर एक को ऊपर उठाकर अपनी उन्नति की जाती है।
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