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होर्खे लुइस बोर्खेस के उद्धरण

सारे लेखक आज नहीं तो कल अपने ख़ुद के सबसे बुद्धू शिष्य बनकर रह जाते हैं।

अनुवाद : आदित्य शुक्ल