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कालिदास के उद्धरण

प्यास से व्याकुल चातक पक्षियों के समूह जिनसे जल की प्रार्थना कर रहे हैं, ऐसे ये बादल, जल-भार से विनत, कर्ण-मधुर गर्जना करते हुए और अनेक धाराओं में बरसते हुए धीरे-धीरे चले जा रहे हैं।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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