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लुडविग विट्गेन्स्टाइन के उद्धरण

प्रतिभा का मानदंड तो चरित्र है—यद्यपि चरित्र अपने आपसे प्रतिभा ‘नहीं’ बन जाता। ‘योग्यता और चरित्र’ मिलकर प्रतिभा नहीं बनते, अपितु प्रतिभा तो चरित्र की एक विशेष योग्यता के रूप में अभिव्यक्त है।

अनुवाद : अशोक वोहरा

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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