जॉर्ज ऑरवेल के उद्धरण
                निष्ठाहीनता, स्पष्ठ भाषा की दुश्मन है। जब किसी के वास्तविक और घोषित उद्देश्यों के बीच एक अंतर होता है तब वह स्वतः ज़्यादा शब्दों और मुहावरों की तरफ मुड़ जाता है। उस मछली की तरह जो स्याही उगलती है।
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