Font by Mehr Nastaliq Web

रांगेय राघव के उद्धरण

मुसलमानों का भारतीयकरण नहीं, बल्कि मुल्लावर्ग की विदेशों से प्रेरणा लेकर अपने को विदेशी समझने की भावना और उच्च मुस्लिम वर्ग के ईरानी संस्कृति के उस प्रेम का (जो कि देशी जनता को संस्कृति से सदैव दूर रहने की चेष्टा करता है और भारतीय इतिहास की प्राचीनता और उसकी मानववादी परंपराओं से प्रेरणा नहीं लेता) भारतीयकरण होना चाहिए, क्योंकि यह दोनों धर्म के नाम पर विभिन्न जातीयताओं में बँटी मुस्लिम जनता को ग़लत मार्ग पर चलाकर अपने सामंतीय स्वार्थों को जीवित रखते आए है।