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डेबोरा फ़ेल्डमैन के उद्धरण

मुझे यह बात समझ में नहीं आती है कि जब संभावनाएँ अनंत हैं, तब लोगों की इच्छाएँ कम तथा महत्वाकांक्षाएँ संकीर्ण और सीमित कैसे हो सकती हैं।