पॉलो फ़्रेरा के उद्धरण
मनमुटाव वे नहीं फैलाते, जो प्रेम से वंचित हैं; बल्कि वे फैलाते हैं, जो प्रेम नहीं कर सकते, क्योंकि वे स्वयं से ही प्रेम करते हैं।
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