होर्खे लुइस बोर्खेस के उद्धरण
मैंने जो भी लिखा है उसे दोबारा कभी नहीं पढ़ा। मैंने जो भी किया है उसके लिए मुझे डर है कि मैं शर्मिंदगी न महसूस करूँ।
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