मुझे तो धर्म प्यारा है, इसलिए पहला दुःख मुझे यह है कि हिन्दुस्तान धर्मभ्रष्ट होता जा रहा है। धर्म का अर्थ मैं यहाँ हिन्दू, मुस्लिम या जरथोस्ती धर्म नहीं करता, लेकिन इन सब धर्मों के अन्दर जो धर्म है—वह हिन्दुस्तान से जा रहा है, हम ईश्वर से विमुख होते जा रहे हैं।