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चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के उद्धरण

कोई भाषा कभी नहीं मरती। मरती है तो व्यक्ति की उस भाषा को सीखने और काम में लाने की क्षमता, स्वयं भाषा नहीं।