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एलिस मुनरो के उद्धरण

कभी-कभी मैं कोई कहानी किसी स्मृति, किसी क़िस्से से शुरू करती हूँ; लेकिन वे बीच में खो जाते हैं और आमतौर पर कहानी ख़त्म होने पर पहचाने भी नहीं जाते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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