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वेदव्यास के उद्धरण

जो मन, वाणी, कर्म और बुद्धि द्वारा पाप नहीं करते हैं, वे ही महात्मा तपस्वी हैं। शरीर सुखा देना ही तपस्या नहीं है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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