महात्मा गांधी के उद्धरण

जिसे मूर्ति की आवश्यकता हो वह मूर्तिपूजन करे, इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मुझे इसकी आवश्यकता नहीं जान पड़ती। इसके बिना करोड़ों लोगों का काम चल जाता है। फिर एक तरह से तो हम सभी मूर्तिपूजक हैं।
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