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वाल्मीकि के उद्धरण

जैसे अमृत की संप्राप्ति, जैसे जलहीन स्थान पर वर्षा, जैसे निःसंतान मनुष्य को सदृश पत्नी से पुत्रजन्म, जैसे नष्ट संपत्ति की पुनः प्राप्ति, जैसे हर्ष का अतिरेक, उसी प्रकार मैं आपका आगमन मानता हूँ। हे महामुनि ! आपका स्वागत है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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