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क्षेमेंद्र के उद्धरण

गुणवान कुल में उत्पन्न होकर भी यदि कोई स्वयं गुणहीन है, तो वह पूजा का पात्र नहीं हो सकता, जैसे दुधारी गाय से उत्पन्न होने पर भी यदि गो वंध्या है तो उसका उपयोग कौन करेगा?