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वेदव्यास के उद्धरण

घर आए अतिथि को प्रसन्न दृष्टि से देखे। मन से उसकी सेवा करे। मीठी और सत्य वाणी बोले। जब तक वह रहे उसकी सेवा में लगा रहे और जब वह जाने लगे तो उसके पीछे कुछ तक जाए- यह सब गृहस्थ का पाँच प्रकार की दक्षिणा से युक्त यज्ञ है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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