यू. आर. अनंतमूर्ति के उद्धरण

गांधी भी थोरो, रस्किन, टॉलस्टॉय से अवश्य प्रभावित हुए थे। भारतीय लेखकों के भी अपनी परंपरा से अलग सार्त्र, काफ़्का या दक्षिण अफ़्रीक़ा के अचिबे जैसे लोगों से प्रेरित कोने में कोई ग़लती नहीं है। लेकिन उपनिवेश की प्रेरणा आपसी लेन-देन की प्रक्रिया में, निर्यात से अधिक आयात हो जाना अत्यंत बुरा है।
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