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सम्पूर्णानंद के उद्धरण

एक सच्चा वैद्य जिसने अपने शास्त्र के आचार्यों की शिक्षा हृदयंगम की है, धन के लिए अपना कार्य नहीं करता। किंतु समाज को चाहिए कि ऐसे व्यक्तियों के प्रति अपना कर्तव्यपालन करे।