सर्वेपल्लि राधाकृष्णन के उद्धरण

अतीत को त्यागने से नहीं अपितु स्वीकारने से और अतीत को भविष्य में ढालने से, जिसमें अतीत का पुनर्जन्म होता है, जीवन आगे बढ़ता है।
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