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हारुकी मुराकामी के उद्धरण

अगर हम वापस मुड़ सकते तो हम शायद कभी भी वहाँ नहीं पहुँच पाते, जहाँ हमने शुरू किया था।

अनुवाद : सरिता शर्मा