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महात्मा गांधी के उद्धरण

आत्म विश्वास रावण जैसा नहीं होना चाहिए जो समझता था कि मेरी बराबरी का कोई है नहीं। आत्म विश्वास होना चाहिए विभीषण जैसा, प्रह्लाद जैसा। उनके जी में यह भाव था कि हम निर्बल हैं मगर ईश्वर हमारे साथ है और हमारी शक्ति अनंत है।