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हारुकी मुराकामी के उद्धरण

आप जितना चाहें उतना चुप रह सकते हैं, लेकिन किसी दिन कोई आपको ढूँढ़ निकालेगा।

अनुवाद : सरिता शर्मा

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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