Font by Mehr Nastaliq Web

मृदुला गर्ग के उद्धरण

आजकल प्रेमी सभ्य हो गए हैं। समाज से भागकर गुफ़ाओं में पनाह नहीं लेते। सामाजिक नियमों का उल्लंघन कर भी जाएँ तो कुछ दिन बाद स्वयं लौट आते हैं, और खुद अपने-आपको ज़िंदा मौत के हवाले कर देते हैं।