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गणेश देवी के उद्धरण

आधुनिक भारतीय आलोचक द्वारा; उपनिवेश द्वारा प्रस्तावित साहित्यिक मूल्यों के स्तरीकृत ढाँचे का स्वीकरण, उसे यह मानने की ओर ले जाता है कि ‘वास्तविक’ साहित्यिक व आलोचनात्मक मुद्दे पाश्चात्य साहित्यिक परंपराओं में पाए जा सकते हैं।

अनुवाद : अवधेश त्रिपाठी