उत्तर प्रदेश के रचनाकार
कुल: 148
स्वप्निल श्रीवास्तव
नवें दशक के प्रमुख कवि। भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
छायावादी दौर के चार स्तंभों में से एक। समादृत कवि-कथाकार। महाप्राण नाम से विख्यात।
सुमित्रानंदन पंत
छायावाद के आधार स्तंभों में से एक। 'प्रकृति के सुकुमार' कवि। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
सुधाकर द्विवेदी
मूलतः गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य। हिंदी भाषा और नागरी लिपि के प्रबल पक्षधर। 'नागरी प्रचारिणी सभा' के सभापति भी रहे।
सुभद्राकुमारी चौहान
सुप्रसिद्ध कवयित्री। 'झाँसी की रानी' कविता के लिए स्मरणीय।
सोहनलाल द्विवेदी
हिन्दी के पहले राष्ट्रीय कवि। बाल साहित्य के रचनाकार। काव्य में राष्ट्रीयता और देशप्रेम का स्वर ओजपूर्ण। 'पूजागीत', 'विषपान', 'वासंती', 'चित्रा', 'भैरवी' आदि प्रमुख रचनाएँ। 'अधिकार' और 'बाल सखा' जैसी पत्रिकाओं के संपादक।
सोहन लाल दिवेदी
समादृत कवि। पाठ्यक्रम से संबद्ध कविताओं के लिए लोकप्रिय।
स्नेहमयी चौधरी
हिंदी की समादृत कवयित्री। प्रसिद्ध साहित्यकार अजित कुमार की जीवन-संगिनी।
सियारामशरण गुप्त
द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।
सत्यनारायण कविरत्न
भारतेंदु युग के कवि। ब्रजभाषा काव्य-परंपरा के अंतिम कवियों में से एक।
सरबजीत गरचा
- जन्म : ग़ाज़ियाबाद
- निवास : ग़ाज़ियाबाद
हिंदी-अँग्रेज़ी दोनों में लिखने वाले सुपरिचित कवि, अनुवादक, संपादक और प्रकाशक।
सुपरिचित कवि। ‘अनहद’ के संपादक और जनवादी लेखक संघ से संबद्ध।
संतोष अर्श
नई पीढ़ी के हिंदी कवि-ग़ज़लकार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।
संत शिवनारायण
- निवास : ग़ाज़ीपुर
शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।
संत शिवदयाल सिंह
'राधास्वामी सत्संग' के प्रवर्तक। सरस और हृदयग्राह्य वाणियों के लिए प्रसिद्ध।
सी. बी. भारती
सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।